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Manna Dey - Thi Shubh Suhag Ki Raat Lyrics



Manna Dey - Thi Shubh Suhag Ki Raat Lyrics
Official




थी शुभ सुहाग की रात मधुर
मधु छलक रहा था कण कण मे
सपने जगते थे नैनो मे अरमान मचलते थे मन मे
सरदार मगन मन झूम रहा
पल पल हर अंग फड़कता था
होठों पर प्यास महकती थी
प्राणो मे प्यार धड़कता था
तब ही घूँघट मे मुस्काती
तब ही घूँघट मे मुस्काती पग पायल छम छम छमकाती
रानी अंतःपुर मे आई कुछ सकुचाती कुछ शर्माती

मेंहदी से हाथ रचे दोनो
माथे पर कुमकुम का टीका
गोरा मुखड़ा मुस्का दे तो
पूनम का चाँद लगे फीका
धीरे से बढ़ चूडावत ने
धीरे से बढ़ चूडावत ने रानी का घूँघट पट खोला
नस नस मे सौंध गयी बिजली पीपल पत्ते सा तन डोला
अधरों से अधर मिले जब तक लज्जा के टूटे छंद बंद
रन बिगुल द्वार पर गूँज उठा
रन बिगुल द्वार पर गूँज उठा
शहनाई का स्वर हुआ मंद
भुज बंधन भुला आलिंगन
आलिंगन भूल गया चुम्बन
चुम्बन को भूल गयी साँसें
सांसो को भूल गयी धड़कन
सजकर सुहाग की सेज सजी
सजकर सुहाग की सेज सजी
बोला ना युद्ध को जाऊँगा
तेरी कजरारी अलकों मे
मन मोती आज बिठाऊंगा
पहले तो रानी रही मौन
फिर ज्वल ज्वल सी भड़क उठी
बिन बदल बिन बरखा मानो
क्या बिजली कोई तड़प उठी
घायल नागन सी भौह तान घूँघट उखाड़कर यूँ बोली
तलवार मुझे दे दो अपनी तुम पहन रहो चूड़ी चोली
पिंजड़े मे कोई बंद शेर
पिंजड़े मे कोई बंद शेर सहसा सोते से जाग उठे
या आँधी अंदर साथ लिए जैसे पहाड़ से आग उठे
हो गया खड़ा तन कर राणा हाथों मे भाला उठा लिया
हर हर बम बम बम महादेव
हर हर बम बम बम महादेव
कह कर रन को प्रस्थान किया
देखा पति का जब वीर वेश
पहले तो रानी हर्षाई फिर सहमी झिझकी अकुलाई
आँखों मे बदली घिर आई
पागल सी गयी झरोखे पर
पागल सी गयी झरोखे पर परकटी हंसिनी थी अधीर
घोड़े पर चढ़ा दिखा राणा
जैसे कमान पर चढ़ा तीर दोनो की आँखें हुई चार
चूडावत फिर सुधबुध खोई
संदेश पटाकर रानी को मँगवाया प्रेमचिन्ह कोई
सेवक जा पहुँचा महलों मे रानी से माँगी सेनानी
रानी झिझकी फिर चीख उठी बोली कह दे मर गई रानी
ले खड़ग हाथ फिर कहा ठहर
ले सेनानी ले सेनानी अंबार बोला ले सेनानी
धरती बोली ले सेनानी
रख कर चाँदी की तली मे सेवक भगा ले सेनानी
राणा अधीर बोला बढ़कर ला ला ला ला ला सेनानी
कपड़ा जब मगर हटाया तो
रह गया खड़ा मूरात बनकर लहूलुहान रानी का सिर
हँसता था रखा थाली पर
सरदार देख चीख कार उठा
हा रानी हा मेरी रानी अद्भुत है तेरी कुर्बानी
तू सचमुच ही है क्षत्राणी
फिर एड लगाई घोड़े पर
धराती बोली जय हो जय हो
हारी रानी तेरी जय हो ओ भरात मा तेरी जय हो
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थी शुभ सुहाग की रात मधुर
मधु छलक रहा था कण कण मे
सपने जगते थे नैनो मे अरमान मचलते थे मन मे
सरदार मगन मन झूम रहा
पल पल हर अंग फड़कता था
होठों पर प्यास महकती थी
प्राणो मे प्यार धड़कता था
तब ही घूँघट मे मुस्काती
तब ही घूँघट मे मुस्काती पग पायल छम छम छमकाती
रानी अंतःपुर मे आई कुछ सकुचाती कुछ शर्माती

मेंहदी से हाथ रचे दोनो
माथे पर कुमकुम का टीका
गोरा मुखड़ा मुस्का दे तो
पूनम का चाँद लगे फीका
धीरे से बढ़ चूडावत ने
धीरे से बढ़ चूडावत ने रानी का घूँघट पट खोला
नस नस मे सौंध गयी बिजली पीपल पत्ते सा तन डोला
अधरों से अधर मिले जब तक लज्जा के टूटे छंद बंद
रन बिगुल द्वार पर गूँज उठा
रन बिगुल द्वार पर गूँज उठा
शहनाई का स्वर हुआ मंद
भुज बंधन भुला आलिंगन
आलिंगन भूल गया चुम्बन
चुम्बन को भूल गयी साँसें
सांसो को भूल गयी धड़कन
सजकर सुहाग की सेज सजी
सजकर सुहाग की सेज सजी
बोला ना युद्ध को जाऊँगा
तेरी कजरारी अलकों मे
मन मोती आज बिठाऊंगा
पहले तो रानी रही मौन
फिर ज्वल ज्वल सी भड़क उठी
बिन बदल बिन बरखा मानो
क्या बिजली कोई तड़प उठी
घायल नागन सी भौह तान घूँघट उखाड़कर यूँ बोली
तलवार मुझे दे दो अपनी तुम पहन रहो चूड़ी चोली
पिंजड़े मे कोई बंद शेर
पिंजड़े मे कोई बंद शेर सहसा सोते से जाग उठे
या आँधी अंदर साथ लिए जैसे पहाड़ से आग उठे
हो गया खड़ा तन कर राणा हाथों मे भाला उठा लिया
हर हर बम बम बम महादेव
हर हर बम बम बम महादेव
कह कर रन को प्रस्थान किया
देखा पति का जब वीर वेश
पहले तो रानी हर्षाई फिर सहमी झिझकी अकुलाई
आँखों मे बदली घिर आई
पागल सी गयी झरोखे पर
पागल सी गयी झरोखे पर परकटी हंसिनी थी अधीर
घोड़े पर चढ़ा दिखा राणा
जैसे कमान पर चढ़ा तीर दोनो की आँखें हुई चार
चूडावत फिर सुधबुध खोई
संदेश पटाकर रानी को मँगवाया प्रेमचिन्ह कोई
सेवक जा पहुँचा महलों मे रानी से माँगी सेनानी
रानी झिझकी फिर चीख उठी बोली कह दे मर गई रानी
ले खड़ग हाथ फिर कहा ठहर
ले सेनानी ले सेनानी अंबार बोला ले सेनानी
धरती बोली ले सेनानी
रख कर चाँदी की तली मे सेवक भगा ले सेनानी
राणा अधीर बोला बढ़कर ला ला ला ला ला सेनानी
कपड़ा जब मगर हटाया तो
रह गया खड़ा मूरात बनकर लहूलुहान रानी का सिर
हँसता था रखा थाली पर
सरदार देख चीख कार उठा
हा रानी हा मेरी रानी अद्भुत है तेरी कुर्बानी
तू सचमुच ही है क्षत्राणी
फिर एड लगाई घोड़े पर
धराती बोली जय हो जय हो
हारी रानी तेरी जय हो ओ भरात मा तेरी जय हो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Roshan, Man Mohan Tiwari
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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(Show video at the top of the page)


Performed By: Manna Dey
Length: 6:16
Written by: Roshan, Man Mohan Tiwari

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