ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय
कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये
ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय
कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये
कभी देखो मन नहीं जागे पीछे पीछे सपनो के भागे ये ये
कभी देखो मन नहीं जागे पीछे पीछे सपनो के भागे
एक दिन सपनो का राही चला जाए सपनो से आगे कहा
ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय
कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये
जिन्होंने सजाये यहाँ मेले सुख दुख संग संग झेले ये ये
जिन्होंने सजाये यहाँ मेले सुख दुख संग संग झेले
वही चुनकर खामोशी यु चले जाए अकेले कहा
ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय
कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये