रात पिया के संग जागी रे सखी
रात पिया के संग जागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
रात पिया के संग हं हं हं हं हं
सैंयाँजी ने जादू फेरा
सैंयाँजी ने जादू फेरा बाँहों का डाला घेरा
करके ज़रा अन्धेरा अंचरा जो खैंचा मेरा
गोद पिया की तंग लागी रे सखी
गोद पिया की तंग लागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
रात पिया के संग जागी ना सखी
सैंयाँजी ने डाका डाला
सैंयाँजी ने डाका डाला उलझा लटों में बाला
बिखरी गले की माला भड़की बदन की ज्वाला
देह धनुष रंग लागी रे सखी
देह धनुष रंग लागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
रात पिया के संग जागी रे सखी
गजरा सुहाना टूटा
गजरा सुहाना टूटा कजरा नयन का छूटा
सब तन भया रे झूठा जितना सताया लूटा
और भी बांके अंग लागी रे सखी
और भी बांके अंग लागी रे सखी
तन की छुपी तरंग जागी रे सखी
तन की छुपी तरंग जागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
चैन पड़ा जो अंग लागी रे सखी
हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा