दीवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया
हजारों में किसी को तकदीर ऐसी
मिली है एक रांझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना
क्यूं चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा मैं तेरा, मैं तेरा
मैं गहरा तमस, तू सुन्हेरा सवेरा मैं तेरा, हो, मैं तेरा
मुसाफिर मैं भटका, तू मेरा बसेरा मैं तेरा, हो, मैं तेरा
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा, मैं तेरा मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
हो हो हो हो हो हो हो हो (तेरा मैं तेरा मैं तेरा)
हजारों में किसी को तकदीर ऐसी
मिली है एक रांझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना
क्यूं चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा, मैं तेरा
मै तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा मैं तेरा, मैं तेरा
मैं गहरा तमस, तू सुन्हेरा सवेरा मैं तेरा, हो, मैं तेरा
मुसाफिर मैं भटका, तू मेरा बसेरा
मैं तेरा, हो, मैं तेरा