जननी प्रिय भारत जननी
जननी
माँ तेरे पैर की धूल
मेरे माथे का तिलक बने
माँ तू ही मेरा सूरज
तू ही मेरा ये फलक बने जननी
माँ आसमान नीला भी अब
ये लाल रंग होगा
दुश्मन के अंत के काल का
भजता मृदंग होगा
माँ ये मृदंग है जल तरंग
लोरी मेरी है बनी
जननी