Back to Top

Mohammed Aziz - Main Tere Bin Jee Nahin Sakta Lyrics



Mohammed Aziz - Main Tere Bin Jee Nahin Sakta Lyrics
Official




[ Featuring Kashmira ]

मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती

दे रही हैं सदाए
तेरी कसम ये सावन की घटाए
तू मेरी मोहब्बत हैं (मोहब्बत हैं)
जीने की हसरत हैं (हसरत हैं)
दे रही हैं सदाए
आजा ते हैं इंतेज़ार तेरा
क्यूँ के तू मेरे ख्वाबों की दुल्हन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे ख्वाबों की दुल्हन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती

जाने ख़ता क्या हुई हैं
जानेमन क्यूँ तू खफा हो गयी हैं
ये कैसी दूरी हैं (दूरी हैं)
आख़िर क्या मजबूरी हैं (मजबूरी हैं)
जाने ख़ता क्या हुई हैं
तू ही तो हैं संसार मेरा
बिन तेरे ज़िंदगी गम का दर्पण बन गयी हैं
बिन तेरे ज़िंदगी गम का दर्पण बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती

दे रही हैं सदाए
तेरी कसम ये सावन की घटाए
तू मेरी मोहब्बत हैं (मोहब्बत हैं)
जीने की हसरत हैं (हसरत हैं)
दे रही हैं सदाए
आजा ते हैं इंतेज़ार तेरा
क्यूँ के तू मेरे ख्वाबों की दुल्हन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे ख्वाबों की दुल्हन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती

जाने ख़ता क्या हुई हैं
जानेमन क्यूँ तू खफा हो गयी हैं
ये कैसी दूरी हैं (दूरी हैं)
आख़िर क्या मजबूरी हैं (मजबूरी हैं)
जाने ख़ता क्या हुई हैं
तू ही तो हैं संसार मेरा
बिन तेरे ज़िंदगी गम का दर्पण बन गयी हैं
बिन तेरे ज़िंदगी गम का दर्पण बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
क्यूँ के तू मेरे दिल की धड़कन बन गयी हैं
और ये तन्हाई मेरी दुश्मन बन गयी हैं
मैं तेरे बिन जी नहीं सकता
तू मेरे बिन जी नहीं सकती
[ Correct these Lyrics ]
Writer: NADEEM, SHRAVAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Aziz - Main Tere Bin Jee Nahin Sakta Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Aziz
Featuring: Kashmira
Length: 5:14
Written by: NADEEM, SHRAVAN

Tags:
No tags yet