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Aaj Rota Hai Kyon Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 4:06
Written by: Kaifi Azmi




Mohammed Rafi - Aaj Rota Hai Kyon Lyrics
Official




आज रोता है क्यों आज रोता है क्यों
आज रोता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों
जुल्म ढाता रहा मुस्कुराता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

फूल तेरा भी खिलने न पाएँ
बद्दुआ दी है बागो ने तुझको
फूल तेरा भी खिलने न पाएँ
बद्दुआ दी है बागो ने तुझको
भर दिया ज़िन्दगी में अँधेरा
ये सजा दी है चिरागो ने तुझको
तू जो हर रोशनी को बुझाता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

रहम की भीख दुनिया न देगी
तुझको दुनिया पे कब रहम आया
रहम की भीख दुनिया न देगी
तुझको दुनिया पे कब रहम आया
पड़ गया जिस पे साया भी तेरा
दिल कभी वो धड़कने न पाया
हसने वालो को रोना सिखाता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

तुझसे पहले भी गुज़रे है ज़ालिम
उनका अंजाम सोचा तो होता
तुझसे पहले भी गुज़रे है ज़ालिम
उनका अंजाम सोचा तो होता
धुप कब तक सितम की रहेगी
आएगी शाम सोचा तो होता
कैसे कैसे तू कितने उठता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों
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आज रोता है क्यों आज रोता है क्यों
आज रोता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों
जुल्म ढाता रहा मुस्कुराता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

फूल तेरा भी खिलने न पाएँ
बद्दुआ दी है बागो ने तुझको
फूल तेरा भी खिलने न पाएँ
बद्दुआ दी है बागो ने तुझको
भर दिया ज़िन्दगी में अँधेरा
ये सजा दी है चिरागो ने तुझको
तू जो हर रोशनी को बुझाता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

रहम की भीख दुनिया न देगी
तुझको दुनिया पे कब रहम आया
रहम की भीख दुनिया न देगी
तुझको दुनिया पे कब रहम आया
पड़ गया जिस पे साया भी तेरा
दिल कभी वो धड़कने न पाया
हसने वालो को रोना सिखाता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों

तुझसे पहले भी गुज़रे है ज़ालिम
उनका अंजाम सोचा तो होता
तुझसे पहले भी गुज़रे है ज़ालिम
उनका अंजाम सोचा तो होता
धुप कब तक सितम की रहेगी
आएगी शाम सोचा तो होता
कैसे कैसे तू कितने उठता रहा
जाल हर रास्ते में बिछाता रहा
फस गया खुद तो बेचैन होता है क्यों
आज रोता है क्यों जान खोता है क्यों
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Writer: Kaifi Azmi
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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