जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना वतन पे जाने
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन
कोई पंजाब से कोई महाराष्ट्र से
कोई यू पी से है कोई बंगाल से
कोई पंजाब से कोई महाराष्ट्र से
कोई यू पी से है कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के आज हर डाल से
फूल हर रंग के आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे हैं जो कदम ग़ैर का
उस कदम का निशाँ तक मिटा देंगे हम
उस कदम का निशाँ तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन