अगर दिल किसी से लगाया न होता
अगर दिल किसी से लगाया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता
गिराना ही था तूने आँसू समझ के
आँसू समझ के
तो नज़रों में हमको बसाया न होता
तो नज़रों में हमको बसाया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता
मुक़द्दर में गर यही रुसवाइयाँ थीं
रुसवाइयाँ थीं
तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता
तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता
अगर तेरे दामन की हसरत न होती
हसरत न होती
तो यूँ ज़िन्दगी को मिटाया न होता
अगर दिल किसी से लगाया न होता
ज़माने ने हमको मिटाया न होता