अपने नाम के क़रीब
मेरा भी नाम लिख दो
मेरा भी नाम लिख दो
बन जाये यादगार जो
बन जाये यादगार जो
ऐसा पयाम लिखा दो
अपने नाम के क़रीब
मेरा भी नाम लिख दो
मेरा भी नाम लिख दो
अब तक थी ये ज़िन्दगी
ग़म की अँधेरी रात में
लिखे हुए थे ग़म ही ग़म
किसमत ने मेरे हाथ में
आज इसी हाथ में कोई
आज इसी हाथ में कोई
रंग बरी शाम लिखा दो
अपने नाम के क़रीब
मेरा भी नाम लिख दो
मेरा भी नाम लिख दो
आशिक़ हज़ारो और भी
आयेंगे इस मक़ाम पे
लिखेंगे अपने नाम वो
साथ हमारे नाम के
आज उन्हीं आशिक़ो के नाम
आज उन्हीं आशिक़ो के नाम
मेरा सलाम लिखा दो
अपने नाम के क़रीब
मेरा भी नाम लिख दो
मेरा भी नाम लिख दो
बन जाये यादगार जो
बन जाये यादगार जो
ऐसा पयाम लिखा दो
अपने नाम के क़रीब
मेरा भी नाम लिख दो
मेरा भी नाम लिख दो