एक चिंगारी आँखों की
दिल की लगन बन जाती है
एक चिंगारी आँखों की
दिल की लगन बन जाती है
जब हद से बढ़ती है फ़िज़ा
रुहे चमन बन जाती है
एक चिंगारी आँखों की
दिल की लगन बन जाती है
जिक्र हमारे छेड के देखे
कोई उनकी महफ़िल में
पलके घूँघट करती है
आँख दुल्हन बन जाती है
जब हद से बढ़ती है फ़िज़ा
रुहे चमन बन जाती है
एक चिंगारी आँखों की
दिल की लगन बन जाती है
मोती भी है पत्थर भी
अपनी अपनी कोसिस है
साहिल साकित रहता है
मौज शिकन बन जाती है
जब हद से बढ़ती है फ़िज़ा
रुहे चमन बन जाती है
एक चिंगारी आँखों की
दिल की लगन बन जाती है