हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे
हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे
सिर्फ जज़्बात हैं, जज़्बात में क्या रखा है
हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे
किसकी तकदीर मे है उनके महकते गेसू
किसके घर फैलेगा उस मस्त नजर का जादू
किसकी तकदीर मे है उनके महकते गेसू
किसके घर फैलेगा उस मस्त नजर का जादू
इन परेशान सवालात मे क्या रखा है
हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे
इतना दीवाना ना बन ए दिल-ए-बेताब संभल
वो अगर मिल भी लिये तुझसे तो इतना ना मचल
इतना दीवाना ना बन ए दिल-ए-बेताब संभल
वो अगर मिल भी लिये तुझसे तो इतना ना मचल
बे ताल्लुक सी मुलाकात में क्या रखा है
हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे
मुरकुराहट को मोहब्बत का इशारा ना समझ
मिल लिये होंगे वो यू ही उन्हें अपना ना समझ
मुरकुराहट को मोहब्बत का इशारा ना समझ
मिल लिये होंगे वो यू ही उन्हें अपना ना समझ
ऐेसे नादान खयालात में क्या रखा है
हम में है क्या कि हमें कोई हसीना चाहे