ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
वहा से कोई मुझे पुकारे करे इशारे हो हो हो हो
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
कौन है इतनी दूर किया है, जिसने वहा बसेरा
कौन है इतनी दूर किया है, जिसने वहा बसेरा
जान है ना पहचान मगर, दिल खींच रही है मेरा
क्या ऐसा भी हो सकता है
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
भूली भटकी इक बदली है, या एक आवारा सपना
भूली भटकी इक बदली है ,या एक आवारा सपना
में भी उसे अपना समझू और वो भी मुझे समझे अपना
क्या ऐसा भी हो सकता है
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश
वहा से कोई मुझे पुकारे करे इशारे हो हो हो हो
जहाँ मिले धरती आकाश
जहाँ मिले धरती आकाश