जाने वो कौन हैं
क्या नाम है उन आँखों का
दिल पे अनजानी सी
तस्वीर बना देती हैं
बुझ के रह जाती है
जब कोई तमन्ना दिल में
इक चिराग़ और भी
चुपके से जला देती हैं
जाने वो कौन हैं
मुझको बहलाती हैं
नाशाद जो होता हूँ कभी
नींद में रंग मिलाती हैं
जो सोता हूँ कभी
जागता हूँ तो हाय
जागता हूँ तो
कई ख्वाब दिखा देती हैं
जाने वो कौन हैं
क्या नाम है उन आँखों का
हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म
जब भी उठती हैं
छलकती हैं गुलाबी की तरह
देर तक मैं तो
बहकता हूँ शराबी की तरह
क्या कहूँ चुपके से हाय
क्या कहूँ चुपके से
क्या चीज़ पिला देती हैं
जाने वो कौन हैं
रोज़ मिलती हैं वो
तन्हा नहीं रहने देतीं
ये है बात और की
अपना नहीं कहने देतीं
और कह दूं तो हाय
और कह दूँ तो
पलक हंस के झुका देतीं हैं
जाने वो कौन हैं