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Mohammed Rafi - Kuchh Kehta Hai Ye Savan Lyrics



Mohammed Rafi - Kuchh Kehta Hai Ye Savan Lyrics
Official




[ Featuring Lata Mangeshkar ]

कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रेहता है हा हा हा तू रेहता है
ओ ओ ओ कुछ कहते है ये बदली
क्या केहती है
ओ कुछ कहते है ये बदली
अरे क्या कहती है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रहती है होय होय होय तू रहती है
हा हा हा रिमझिम गाता है पानी
क्यूँ गाता है
प्रीत में साजन गीत ये जीवन
बन जाता है बन जाता है

फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
सजनी तेरा प्रेम संदेसा ये लाई है
भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
हो भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
नींद न आये हमको हाय
जग सोता है हम्म जग सोता है

खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ जब मिलती हैं
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
प्रेम के पथ पर रूप को ठोकर
जब लगती है हाय जब लगती है

धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
लोग न सुन लें प्यार की बातें
मन डरता है
अरे जाते हैं परदेसी
क्यूँ जाते हैं
दूर अकेले देस के मेले
याद आते हैं होय होय होय याद आते हैं
हा हा हा झर झर बहता है झरना
क्यूँ बहता है
आई जवानी रुत मस्तानी
ये केहता है हाय ये केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
[ Correct these Lyrics ]

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कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रेहता है हा हा हा तू रेहता है
ओ ओ ओ कुछ कहते है ये बदली
क्या केहती है
ओ कुछ कहते है ये बदली
अरे क्या कहती है
शाम सवेरे दिल में मेरे
तू रहती है होय होय होय तू रहती है
हा हा हा रिमझिम गाता है पानी
क्यूँ गाता है
प्रीत में साजन गीत ये जीवन
बन जाता है बन जाता है

फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
फिर आई पुरवाई
क्यूँ आयी है
सजनी तेरा प्रेम संदेसा ये लाई है
भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
हो भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
नींद न आये हमको हाय
जग सोता है हम्म जग सोता है

खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
खिलती है तब कलियाँ
कब खिलती हैं
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ जब मिलती हैं
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
छम छम बजती है पायल
कब बजती है
प्रेम के पथ पर रूप को ठोकर
जब लगती है हाय जब लगती है

धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
धक धक करता है ये दिल
क्यूँ करता है
लोग न सुन लें प्यार की बातें
मन डरता है
अरे जाते हैं परदेसी
क्यूँ जाते हैं
दूर अकेले देस के मेले
याद आते हैं होय होय होय याद आते हैं
हा हा हा झर झर बहता है झरना
क्यूँ बहता है
आई जवानी रुत मस्तानी
ये केहता है हाय ये केहता है
कुछ केहता है ये सावन
क्या केहता है
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
हा हा हा कुछ केहता है (हा हा हा कुछ केहता है)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




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(Show video at the top of the page)

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