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Main Zindagi Ka Saath Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:51
Written by: JAIDEV, SAHIR LUDHIANVI




Mohammed Rafi - Main Zindagi Ka Saath Lyrics
Official




मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया

हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
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मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया

हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
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Writer: JAIDEV, SAHIR LUDHIANVI
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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