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Om Shanti Man Men Basi Jo Murat Video (MV)






Mohammed Rafi - Om Shanti Man Men Basi Jo Murat Lyrics
Official




ओम शांति ओम शांति
ओम शांति शांति शांति
ओम शांति ओम शांति (ओम शांति ओम शांति)
ओम शांति शांति शांति (ओम शांति शांति शांति)

मन मे बसी जो मूरत
मन मे बसी जो मूरत
कही अंत नज़र ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए
मंदिर मंदिर भटकाए

हारे रामा हरे रामा
रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हारे रामा हरे रामा
रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे

असफल हो मेरे आरती वंदन
व्यर्थ हो मेरी पूजा
इसके सिवा अपराध का मेरे
दंड नही कोई दूजा
चैन की अब यही सूरत

औ औ औ औ

चैन की अब यही सूरत
के मुझे चैन कभी ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)

जिसने मुझे भगवान बनाया
मैने उसे ठुकराया
इक अपने के खो जाने से
सब जग लगे पराया
पश्च्याताप की अग्नि

औ औ औ औ

पश्च्याताप की अग्नि
मुझको दिन रात जलाए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)


ओम शांति ओम शांति
ओम शांति शांति शांति
ओम शांति ओम शांति (ओम शांति शांति शांति)
ओम शांति शांति शांति (ओम शांति शांति शांति)

वो देवी एक बार क्षमा की
भीख यदि मुझे दे दे
तो शायद ये भूल हृदय को
बन कर सूल ना छेदे
काश किसी मंदिर से

औ औ औ औ

काश किसी मंदिर से
मेरी मुक्ति मुझे मिल जाए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मन मे बसी जो मूरत औ औ
मन मे बसी जो मूरत
कही अंत नज़र ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
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ओम शांति ओम शांति
ओम शांति शांति शांति
ओम शांति ओम शांति (ओम शांति ओम शांति)
ओम शांति शांति शांति (ओम शांति शांति शांति)

मन मे बसी जो मूरत
मन मे बसी जो मूरत
कही अंत नज़र ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए
मंदिर मंदिर भटकाए

हारे रामा हरे रामा
रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हारे रामा हरे रामा
रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा हरे हरे

असफल हो मेरे आरती वंदन
व्यर्थ हो मेरी पूजा
इसके सिवा अपराध का मेरे
दंड नही कोई दूजा
चैन की अब यही सूरत

औ औ औ औ

चैन की अब यही सूरत
के मुझे चैन कभी ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)

जिसने मुझे भगवान बनाया
मैने उसे ठुकराया
इक अपने के खो जाने से
सब जग लगे पराया
पश्च्याताप की अग्नि

औ औ औ औ

पश्च्याताप की अग्नि
मुझको दिन रात जलाए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)


ओम शांति ओम शांति
ओम शांति शांति शांति
ओम शांति ओम शांति (ओम शांति शांति शांति)
ओम शांति शांति शांति (ओम शांति शांति शांति)

वो देवी एक बार क्षमा की
भीख यदि मुझे दे दे
तो शायद ये भूल हृदय को
बन कर सूल ना छेदे
काश किसी मंदिर से

औ औ औ औ

काश किसी मंदिर से
मेरी मुक्ति मुझे मिल जाए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मन मे बसी जो मूरत औ औ
मन मे बसी जो मूरत
कही अंत नज़र ना आए
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
मंदिर मंदिर भटकाए (औ औ औ औ)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Ravindra Jain
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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