Back to Top

Mohammed Rafi - Pagal Zamane Mein Lyrics



Mohammed Rafi - Pagal Zamane Mein Lyrics
Official




पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

दुनिया का ये मेला फिर भी मैं अकेला
आँधी में जैसे चिराग
कैसे है यह उलझन के जितना सुलझाए जितना मन
उतना ही उलझे दिमाग़
कातिल तो बुखा मारे कातिल जो चाहे करे
कैसा है मज़ाल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

जल में धोबी प्यासा
जब देखा यह तंशा
तब जाके समझा मैं बात
जब तक खुद ना चाहे
नही ढूंदे हम रहे
देता नही कोई साथ
मतलब का है यह जहाँ
इंसान है ऐसे यहा बोले दिन को रत
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

दुनिया का ये मेला फिर भी मैं अकेला
आँधी में जैसे चिराग
कैसे है यह उलझन के जितना सुलझाए जितना मन
उतना ही उलझे दिमाग़
कातिल तो बुखा मारे कातिल जो चाहे करे
कैसा है मज़ाल
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल

जल में धोबी प्यासा
जब देखा यह तंशा
तब जाके समझा मैं बात
जब तक खुद ना चाहे
नही ढूंदे हम रहे
देता नही कोई साथ
मतलब का है यह जहाँ
इंसान है ऐसे यहा बोले दिन को रत
पागल ज़माने में इस पागल खाने में
सबसे हूँ पागल एक बार तो मिल
पागल तो लिए है नाम
कुछ भी वो करे मज़ाल
सुंले मेरे दिल अरे सुन ले मेरे दिल
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Yogesh, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Rafi - Pagal Zamane Mein Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:14
Written by: Yogesh, R D Burman

Tags:
No tags yet