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Mohammed Rafi - Sher Ka Husn Ho Lyrics



Mohammed Rafi - Sher Ka Husn Ho Lyrics
Official




शेर का हुस्न हो
शेर का हुस्न हो नग्मे की जवानी हो तुम
एक धड़कती हुई एक धड़कती हुई
शादाब कहानी हो तुम शेर का हुस्न हो

आँख ऐसी आंख ऐसी के केवल तुमसे निशानी मांगे
ज़ुल्फ़ ऐसी ज़ुल्फ़ ऐसी के घटा शर्म से पानी मांगे
जिस तरफ से भी जिस तरफ से भी
नज़र डाले सुहानी हो तुम
शेर का हुस्न हो

जिस्म ऐसा जिस्म ऐसा के अजन्ता का अमल याद आये
संगमरमर में ढला संगमरमर में ढला
ताजमहल याद आये पिघले पिघले पिघले पिघले हुए
रंगो की रवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो

धड़कने बुनती है जिसको
वो तराना हो तुम
सच कहो किस के मुक़द्दर
का खज़ाना हो तुम
मुझपे माहिर हो
मुझपे माहिर हो के
दुश्मन की दीवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो नग्मे की जवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो शेर का हुस्न हो
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शेर का हुस्न हो
शेर का हुस्न हो नग्मे की जवानी हो तुम
एक धड़कती हुई एक धड़कती हुई
शादाब कहानी हो तुम शेर का हुस्न हो

आँख ऐसी आंख ऐसी के केवल तुमसे निशानी मांगे
ज़ुल्फ़ ऐसी ज़ुल्फ़ ऐसी के घटा शर्म से पानी मांगे
जिस तरफ से भी जिस तरफ से भी
नज़र डाले सुहानी हो तुम
शेर का हुस्न हो

जिस्म ऐसा जिस्म ऐसा के अजन्ता का अमल याद आये
संगमरमर में ढला संगमरमर में ढला
ताजमहल याद आये पिघले पिघले पिघले पिघले हुए
रंगो की रवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो

धड़कने बुनती है जिसको
वो तराना हो तुम
सच कहो किस के मुक़द्दर
का खज़ाना हो तुम
मुझपे माहिर हो
मुझपे माहिर हो के
दुश्मन की दीवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो नग्मे की जवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो शेर का हुस्न हो
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Writer: Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Mohammed Rafi - Sher Ka Husn Ho Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Mohammed Rafi
Length: 3:58
Written by: Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi
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