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Mohammed Rafi - Shodhisi Manava Rauli Mandiri Lyrics



Mohammed Rafi - Shodhisi Manava Rauli Mandiri Lyrics
Official




शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

मेघ हे दाटती कोठुनी अंबरी
सूर येती कसे वाजते बासरी
रोमरोमी फुले तीर्थ हे भूवरी
दूर इंद्रायणी दूर ती पंढरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

गंध का हासतो पाकळी सारुनी
वाहते निर्झरी प्रेमसंजीवनी
भोवताली तुला साद घाली कुणी
खूण घे जाणुनी रूप हे ईश्वरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

भेटतो देव का पूजनी अर्चनी
पुण्य का लाभते दानधर्मातुनी
शोध रे दिव्यता आपुल्या जीवनी
आंधळा खेळ हा खेळशी कुठवरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
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शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

मेघ हे दाटती कोठुनी अंबरी
सूर येती कसे वाजते बासरी
रोमरोमी फुले तीर्थ हे भूवरी
दूर इंद्रायणी दूर ती पंढरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

गंध का हासतो पाकळी सारुनी
वाहते निर्झरी प्रेमसंजीवनी
भोवताली तुला साद घाली कुणी
खूण घे जाणुनी रूप हे ईश्वरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी

भेटतो देव का पूजनी अर्चनी
पुण्य का लाभते दानधर्मातुनी
शोध रे दिव्यता आपुल्या जीवनी
आंधळा खेळ हा खेळशी कुठवरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
नांदतो देव हा आपुल्या अंतरी
शोधिसी मानवा राउळी मंदिरी
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Writer: Shrikant Thakre, Ramesh Anavkar
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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