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Mohammed Rafi - Tum Bin Jaoon Kahan [1] Lyrics



Mohammed Rafi - Tum Bin Jaoon Kahan [1] Lyrics
Official




तुम बिन जाऊँ कहाँ
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन

देखो मुझे सर से कदम तक सिर्फ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो के तुम्हारा बेकरार हूँ मैं
तुम क्या जानो के भटकता फिरा किस किस गली
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन

अब है सनम हर मौसम प्यार के काबिल
पड़ी जहाँ छाओं हमारी सज गयी महफ़िल
महफ़िल क्या तनहाई में भी लगता है जी
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन
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तुम बिन जाऊँ कहाँ
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन

देखो मुझे सर से कदम तक सिर्फ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो के तुम्हारा बेकरार हूँ मैं
तुम क्या जानो के भटकता फिरा किस किस गली
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन

अब है सनम हर मौसम प्यार के काबिल
पड़ी जहाँ छाओं हमारी सज गयी महफ़िल
महफ़िल क्या तनहाई में भी लगता है जी
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ कहाँ
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा सनम
तुमको चाह के
तुम बिन
[ Correct these Lyrics ]
Writer: MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Mohammed Rafi - Tum Bin Jaoon Kahan [1] Video
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