याद ना जाए बीते दिनों की
जा के ना आए जो दिन, दिल क्यूँ बुलाए उन्हें
दिल क्यूँ बुलाए
याद ना जाए बीते दिनों की
जा के ना आए जो दिन, दिल क्यूँ बुलाए उन्हें
दिल क्यूँ बुलाए
दिन जो पखेरू होते, पिंजरे में मैं रख लेता
दिन जो पखेरू होते, पिंजरे में मैं रख लेता
पालता उन को जतन से
पालता उन को जतन से
मोती के दाने देता
सीने से रहता लगाए
याद ना जाए बीते दिनों की
जा के ना आए जो दिन, दिल क्यूँ बुलाए उन्हें
दिल क्यूँ बुलाए
तस्वीर उन की छुपा के रख दूँ जहाँ जी चाहे
तस्वीर उन की छुपा के रख दूँ जहाँ जी चाहे
मन में बसी ये मूरत
मन में बसी ये मूरत
लेकिन मिटी ना मिटाए
कहने को हैं वो पराए
याद ना जाए बीते दिनों की
जा के ना आए जो दिन, दिल क्यूँ बुलाए उन्हें
दिल क्यूँ बुलाए
याद ना जाए बीते दिनों की