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Mohammed Rafi - Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor Lyrics



Mohammed Rafi - Yeh Kisi Ki Ankhon Ka Noor Lyrics
Official




ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
के इक नशीली बहार हो तुम
के इक नशीली बहार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

कभी झुकी तुम निगाह बन कर
कभी उठी दिल से आह बन कर
आहा बन कर
खटक रही हो कभी जिगर में
खटक रही हो कभी जिगर में
कभी कलेजे के पार हो तुम
कभी कलेजे के पार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

गरज़ क़यामत से कम नहीं हो
कोई भी हो तुम, बहोत हसीं हो
बहोत हसीं हो
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
के हुस्न का शाहकार हो तुम
के हुस्न का शाहकार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
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ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस के दिल का क़रार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ
कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
बेहक ना जाए कहीं ज़माना
के इक नशीली बहार हो तुम
के इक नशीली बहार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

कभी झुकी तुम निगाह बन कर
कभी उठी दिल से आह बन कर
आहा बन कर
खटक रही हो कभी जिगर में
खटक रही हो कभी जिगर में
कभी कलेजे के पार हो तुम
कभी कलेजे के पार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम

गरज़ क़यामत से कम नहीं हो
कोई भी हो तुम, बहोत हसीं हो
बहोत हसीं हो
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे
के हुस्न का शाहकार हो तुम
के हुस्न का शाहकार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
मुझे ये मालूम हो रहा हैं
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम
ये किस की आँखों का नूर हो तुम
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Writer: GHULAM MOHAMMED, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Performed By: Mohammed Rafi
Length: 5:21
Written by: GHULAM MOHAMMED, MAJROOH SULTANPURI
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