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Mohammed Rafi - Zamin Bhi Wohi Hai Wohi Aasman Lyrics



Mohammed Rafi - Zamin Bhi Wohi Hai Wohi Aasman Lyrics
Official




ज़मीन भी वही है
वही आसमान
मगर अब वो दिल्ली की गलियां कहा
ज़मीन भी वही है
वही आसमान
मगर अब वो दिल्ली की गलियां कहा
यहाँ पर ठिकाना किसी का नहीं
ये ज़ालिम ज़माना किसी का नहीं
यहाँ लुट गए कितने ही कारवां
कहा है वो दिल्ली की गलियां कहा
वो उल्फत निगाहों में बाक़ी नहीं
वो महफ़िल नहीं है वो साथी नहीं
हुई बंध इनसानियत की दुकां
इलाही वो दिल्ली की गलियां कहा

गया मौसम ए गुल
बहारो के साथ
वो दुनिया गई
ताजदारो के साथ
ज़माना गया रह गई दास्ताँ
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
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ज़मीन भी वही है
वही आसमान
मगर अब वो दिल्ली की गलियां कहा
ज़मीन भी वही है
वही आसमान
मगर अब वो दिल्ली की गलियां कहा
यहाँ पर ठिकाना किसी का नहीं
ये ज़ालिम ज़माना किसी का नहीं
यहाँ लुट गए कितने ही कारवां
कहा है वो दिल्ली की गलियां कहा
वो उल्फत निगाहों में बाक़ी नहीं
वो महफ़िल नहीं है वो साथी नहीं
हुई बंध इनसानियत की दुकां
इलाही वो दिल्ली की गलियां कहा

गया मौसम ए गुल
बहारो के साथ
वो दुनिया गई
ताजदारो के साथ
ज़माना गया रह गई दास्ताँ
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
वो दिल्ली वो दिल्ली की गलियां कहा
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Writer: Majrooh Sultanpuri, Roshan, Saif Ud Din
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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