तू जो नहीं कोई मेरा मेरा कोई नहीं कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं
तू जो नहीं कोई मेरा मेरा कोई नहीं कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं
तेरी चाहत न जब तक मिलेगी
तेरी चाहत न जब तक मिलेगी
रूह मेरी भटकती रहेगी
हल मेरा अगर वो सुनेंगे
मुझपे दीवाने भी रो पड़ेंगे
मुझपे दीवाने भी रो पड़ेंगे
हाल सुनके मेरा फिर भी तेरी आँख रोई नहीं
तू जो नहीं कोई मेरा मेरा कोई नहीं कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं
फिर से देखा तुझे हमने जिस दम
फिर से देखा तुझे हमने जिस दम
मर चले थे मगर जी उठे हम
बेरुखी से हमें तूने मारा
तू है कैसा मसीह हमारा
तू है कैसा मसीह हमारा
जब लगानी न थी पार नैया
फिर क्यों डुबोई नहीं
तू जो नहीं कोई मेरा मेरा कोई नहीं कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं
जिंदगी तेरी यादों में खोई फिर भी कोई नहीं