बहे न कभी नैन से नीर
उठी हो चाहे दिल में पीर
बाँवरे यही प्रीत की रीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत
बहे न कभी नैन से नीर
उठी हो चाहे दिल में पीर
बाँवरे यही प्रीत की रीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत
आशायें मिट जायें तो मिट जायें
दिल की आहें कभी न बाहर आयें
आशायें मिट जायें तो मिट जायें
दिल की आहें कभी न बाहर आयें
कभी न बाहर आयें
भरी हो होंठों पर मुस्कान
न कोई ले दिल को पहचान
इसी में है रे तेरी जीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत
दीपक जले भवन में रहे पतंगा बन में
प्रीत खींच कर लायी उसे जलाया क्षण में
दीपक जले भवन में रहे पतंगा बन में
प्रीत खींच कर लायी उसे जलाया क्षण में
जलन का उसे कहाँ था होश
प्यार का चढ़ा हुआ था जोश
गा रही दुनियाँ उसकी गीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत
बहे न कभी नैन से नीर
उठी हो चाहे दिल में पीर
बाँवरे यही प्रीत की रीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत