इश्क़ की साज़िशें
इश्क़ की बाज़ियां
हारा मैं खेल के
दो दिलों का जुआ
क्यों तूने मेरी फुर्सत की
क्यों दिल में इतनी हरक़त की
इश्क़ में इतनी बरकत की
ये तूने क्या किया
फिरू अब मारा मारा मैं
चाँद से बिछड़ा तारा मैं
दिल से इतना क्यों हारा मैं
ये तूने क्या किया