[ Featuring ]
घर बहु रूप मोहे रंग लगाए
नाम गोविंद कभी श्याम बताए
घर बहु रूप मोहे रंग लगाए
नाम गोविंद कभी श्याम बताए
तू मोरी शवास की माला का मोती
भेद में जानू तो मोरा रंग रसिया
आज बिरज में आज बिरज में
आज बिरज में हो री रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
रंग दो लाल कान्हा चुनर ये मोरी
बलिहारी जाऊं तुझ पे मैं तोरी
रंग दो लाल कान्हा चुनर ये मोरी
बलिहारी जाऊं तुझ पे मैं तोरी
आज दिखे मोरी सूरत भी तुझ से
मोहे मन तू ही तो मन बसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
नाम से तोरे छेड़े हैं मोहे सखियां
है सारी मतवारी तोरी कन्हैया
नाम से तोरे छिड़ है मोहे सखिया
है सारी मतवारी तोरी कन्हैया
होरी है आज भी तुझसे रंगी है
सब में दिखे मोहे बंसी बजैया
आज बिरज में आज बिरज में
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
होरी रे होरी बरजोरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया