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Nusrat Fateh Ali Khan - Tumhen Dillagi Lyrics

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Nusrat Fateh Ali Khan - Tumhen Dillagi Lyrics
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ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
भूल जानी पड़ेगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
आ आ
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
ए दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
आ आ

खूब रुलाए ये लगी दिल की
खूब रुलाए ये लगी दिल की
खेल समझो ना दिल्लगी दिल की
जो उल्फत में हर एक सितम है गवारा
जो उल्फत में हर एक सितम है गवारा
ये सब कुछ है बा से वफा तुमसे वरना
आ आ
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हसोगें
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हसोगें
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो

ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
के है आज हम तुम नहीं गैर कोई
के है आज हम तुम नहीं गैर कोई
शब ए वस्ल भी है इजब इस कदर क्यूं
जरा रुख से आंचल उठा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
आ आ आ आ
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ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
भूल जानी पड़ेगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
आ आ
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी ए दिल्लगी
ए दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी
दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
आ आ

खूब रुलाए ये लगी दिल की
खूब रुलाए ये लगी दिल की
खेल समझो ना दिल्लगी दिल की
जो उल्फत में हर एक सितम है गवारा
जो उल्फत में हर एक सितम है गवारा
ये सब कुछ है बा से वफा तुमसे वरना
आ आ
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हसोगें
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हसोगें
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो

ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
ख़ुदा के लिए छोड़ दो अब ये पर्दा
के है आज हम तुम नहीं गैर कोई
के है आज हम तुम नहीं गैर कोई
शब ए वस्ल भी है इजब इस कदर क्यूं
जरा रुख से आंचल उठा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो
आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: FARRUKH ALI KHAN, NUSRAT FATEH ALI KHAN, PURNAM ALLAH ABADI
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty Network
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