Back to Top

Om Karr - Hum Hindustani Hai Lyrics



Om Karr - Hum Hindustani Hai Lyrics




मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है मेरी कलम
की मैं 'इश्क' लिखना चाहूं
तब भी 'इन्कलाब' लिख जाती है

वो दौड़ते, वो भागते
लोग हो जाये शुरू
वो ट्रेन की धड़कन
हो जाये शुरू

सफेद रंग भागा कितना
रात भर जागा कितना
चांद से सूरज जितना
ज़मीन पर तारा जितना

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

बंद कमरों में
नहीं आया वो
धुले हांथों पे
नहीं आया वो

याद आती हैं दोस्तों
याद आता है हमसफ़र
होकर बुलंद हम खडे हैं
जैसे खडा हो समुन्दर

सरहद पे खाकी लहराये
जान पर तिरंगा चढ जाये
अब ना थकेगा ये आंसमा
अब ना रुकेगा ये इन्तेहाँ

मेरी मिट्टी पे अब सवाल हैं
हर हाँथ ने ली अब ढाल हैं
हर धुन हर एक ताल हैं
हम आंसमा मे बेमिसाल हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्

हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

[Thanks to bhalerao.omatrix for adding these lyrics]
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है मेरी कलम
की मैं 'इश्क' लिखना चाहूं
तब भी 'इन्कलाब' लिख जाती है

वो दौड़ते, वो भागते
लोग हो जाये शुरू
वो ट्रेन की धड़कन
हो जाये शुरू

सफेद रंग भागा कितना
रात भर जागा कितना
चांद से सूरज जितना
ज़मीन पर तारा जितना

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

बंद कमरों में
नहीं आया वो
धुले हांथों पे
नहीं आया वो

याद आती हैं दोस्तों
याद आता है हमसफ़र
होकर बुलंद हम खडे हैं
जैसे खडा हो समुन्दर

सरहद पे खाकी लहराये
जान पर तिरंगा चढ जाये
अब ना थकेगा ये आंसमा
अब ना रुकेगा ये इन्तेहाँ

मेरी मिट्टी पे अब सवाल हैं
हर हाँथ ने ली अब ढाल हैं
हर धुन हर एक ताल हैं
हम आंसमा मे बेमिसाल हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

हम हिंदुस्तानी हैं
डटकर हर जंग को जीते हैं
हंसकर हर रस्म निभाते हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्

हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं
हम हिंदुस्तानी हैं

[Thanks to bhalerao.omatrix for adding these lyrics]
[ Correct these Lyrics ]
Copyright: Lyrics © Original Writer and Publisher
LyricFind


Back to: Om Karr


Tags:
No tags yet