साबुन तू ऐसा बना दे बंदे के धूल जाए जग ये सारा
साबुन तू ऐसा बना दे सजना की चमकाए मेरा संसारा
हम हम हम हम हम
हम हम हम हम हम
खाक मिले हैं जुंगल कितने
डाक हवा के दामन कितने
जिद्दी धब्बे नादिया लागे
पिद्दी कुदरत इंसान आगे
साबुन तू ऐसा बना दे
के धूल जाए लालच लोभ पिटारा
साबुन तू ऐसा बना दे
के चमकाए मेरा संसारा
चमकाए मेरा संसारा
साबुन तू ऐसा बना दे
हम हम हम हम हम
हम हम हम हम हम
छान रही थी धूप रसीली (धूप रसीली)
झीनी झीनी छतरी नीली (छतरी नीली)
इस्पातों की कैंची जाली (कैंची जाली)
उधड़ी छतरी बरसी लाली (बरसी लाली)
किरणों की जो गागर फूटी
माटी की वो गुल्लक टूटी
साबुन तू ऐसा बना दे रे बंदे
के धूल जाए मैली गंगा की धारा
साबुन तू ऐसा बना दे बंदे