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Pankaj Kapur - Chaar Dina Ki Lyrics



Pankaj Kapur - Chaar Dina Ki Lyrics
Official




[ Featuring Imran Khan, Prem Dehati ]

रा बताना उस घूस खोर ठरकी बुधिया से
के वो साली बिना तेल की लालटेन है

ओए होए होए जलेगी कैसे
रे बिना signal का mobile phone

ओए होए होए चलेगा कैसे

रसीली दिया सलाई
ओए होए जलेगी कैसी

रा बुढ़िया अड़ियल टट्टू
ओए होए होए चलेगा कैसे
रसीली दिया सलाई
ओए होए होए जलेगी कैसी

ओ बुढ़िया अड़ियल टट्टू
ओए होए होए चलेगा कैसे

बड़ी बेहूदा बला है
रे सर से टलेगी केसे
पकोडे पत्तोंके है
तूप में तालेगी कैसे
रे चलेगी कैसे जलेगी कैसे
बुझेगी कैसे मखना र र र आ

चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना

चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना

फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)

तराह तराह के रोग चुगर्दे दे लेंगे घेरि
सारा कुनबा न्यू केहगा कद रैंड कटे तेरी
दो दिन पाछे ताल तली भी कर देंगे धेरी
बांध जुड़ के तने ले जांगे न लावे देरी

आग लगाके तेल गैर के (आग लगाके तेल गैर के)
आग लगाके तने फुक दे मने कुछ लड़ना (ग लगाके तने फुक दे मने कुछ लड़ना)
फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
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रा बताना उस घूस खोर ठरकी बुधिया से
के वो साली बिना तेल की लालटेन है

ओए होए होए जलेगी कैसे
रे बिना signal का mobile phone

ओए होए होए चलेगा कैसे

रसीली दिया सलाई
ओए होए जलेगी कैसी

रा बुढ़िया अड़ियल टट्टू
ओए होए होए चलेगा कैसे
रसीली दिया सलाई
ओए होए होए जलेगी कैसी

ओ बुढ़िया अड़ियल टट्टू
ओए होए होए चलेगा कैसे

बड़ी बेहूदा बला है
रे सर से टलेगी केसे
पकोडे पत्तोंके है
तूप में तालेगी कैसे
रे चलेगी कैसे जलेगी कैसे
बुझेगी कैसे मखना र र र आ

चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना

चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना

फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)

तराह तराह के रोग चुगर्दे दे लेंगे घेरि
सारा कुनबा न्यू केहगा कद रैंड कटे तेरी
दो दिन पाछे ताल तली भी कर देंगे धेरी
बांध जुड़ के तने ले जांगे न लावे देरी

आग लगाके तेल गैर के (आग लगाके तेल गैर के)
आग लगाके तने फुक दे मने कुछ लड़ना (ग लगाके तने फुक दे मने कुछ लड़ना)
फिर बुढ़ापा होए होए होए होए (फिर बुढ़ापा होए होए होए होए)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना (चार दिना की चमक चाँदणी करले जो करना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना (फिर बुढ़ापा बैरी आवे दुःख पड़े भरना)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GULZAR, RAM SINGH, TRADITIONAL
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Pankaj Kapur - Chaar Dina Ki Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Pankaj Kapur
Featuring: Imran Khan, Prem Dehati
Length: 2:05
Written by: GULZAR, RAM SINGH, TRADITIONAL

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