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Pankaj Udhas - Yeh Kiske Chehre Ka Jadoo Lyrics



Pankaj Udhas - Yeh Kiske Chehre Ka Jadoo Lyrics
Official




ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रोशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में

बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बदन के लोच में रेशम की नर्मिया लेकर
ये कौन आया हैं लेकर बाहर का मौसम
किसी भी फूल में पहले सी दिल कशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है

ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
कसम खुदा की क़यामत उठाए बैठे हैं
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
उठे जो आँख तो मैकश शराब को भूले
ये कौन आया हैं लेकर खुमार का मौसम
किसी भी जाम में पहले सी मैकशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है

वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
पढ़ो उसे वो गज़ल की किताब जैसी हैं
ये कौन आया हैं लेकर सिंगार का मौसम
किसी ख़याल में पहले सी शायरी ना रही
ये किसके चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
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ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रोशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में

बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बदन के लोच में रेशम की नर्मिया लेकर
ये कौन आया हैं लेकर बाहर का मौसम
किसी भी फूल में पहले सी दिल कशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है

ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
कसम खुदा की क़यामत उठाए बैठे हैं
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
उठे जो आँख तो मैकश शराब को भूले
ये कौन आया हैं लेकर खुमार का मौसम
किसी भी जाम में पहले सी मैकशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है

वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
पढ़ो उसे वो गज़ल की किताब जैसी हैं
ये कौन आया हैं लेकर सिंगार का मौसम
किसी ख़याल में पहले सी शायरी ना रही
ये किसके चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
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Writer: NIDA FAZLI, PANKAJ UDHAS
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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