ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रोशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बिखरती ज़ुल्फो में साँवन की बदलिया लेकर
बदन के लोच में रेशम की नर्मिया लेकर
ये कौन आया हैं लेकर बाहर का मौसम
किसी भी फूल में पहले सी दिल कशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है
ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
ये सामने जो निगाहें झुका के ये बैठे हैं
कसम खुदा की क़यामत उठाए बैठे हैं
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
खुले जो होंठ तो गुलशन गुलाब को भूले
उठे जो आँख तो मैकश शराब को भूले
ये कौन आया हैं लेकर खुमार का मौसम
किसी भी जाम में पहले सी मैकशी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है
वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
वो रंग जैसी सबा जैसी खाब जैसी हैं
पढ़ो उसे वो गज़ल की किताब जैसी हैं
ये कौन आया हैं लेकर सिंगार का मौसम
किसी ख़याल में पहले सी शायरी ना रही
ये किसके चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
किसी चिराग में पहले सी रौशनी ना रही
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
ये किस के चेहरे का जादू है आज महफ़िल में
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म