कोई चेहरा निगाहो पे छाने लगा
कोई अब रोज खाबो में आने लगा
आई रुत जो नयी जागे अरमान कई
मौसम कोई ग़ज़ल जैसे गाने लगा
वरना दिल क्यूँ धड़कता साँसे क्यूँ रुकती
नींदे मेरी क्यूँ उडद जाती
ऐसा लगता है जैसे नशा होने को है
ऐसा लगता है होश मेरा खोने को है
वरना दिल क्यूँ धड़कता साँसे क्यूँ रुकती
नींदे मेरी क्यूँ उडद जाती
ऐसा लगता है अब दिल मेरा खोने को है
मेहकी मेहकी फ़िज़ा ने ली अंगड़ाइया
नीली नीली है बादल की परछाइया
ठंडी ठंडी हवा लाई राग नया
गूँजी गूँजी सी हैं जैसे शहनाईया
वरना दिल क्यूँ धड़कता साँसे क्यूँ रुकती
नींदे मेरी क्यूँ उडद जाती
ऐसा लगता है जो ना हुआ होने को है
ऐसा लगता है एब्ब दिल मेरा खोने को है
वरना