ओ ओ ओ ओ
न तो हँसना रूमानी कहीं
न तो खुश्बू सुहानी कहीं
ना वो रंगली अदाएँ देखी
ना वो प्यारी सी नादानी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
बारिशों के मौसमों की भीगी हरियाली तू
सर्दियों में गालों पे जो आती है वो लाली तू
रातों का सुकूँ
रातों का सुकूँ भी है सुबह की अज़ान है
चाहतों की चादरों में मैंने है संभाली तू
कहीं आग जैसी जलती है
बने बरखा का पाणी कहीं
कभी मन जाणा चुपके से
यूँ ही अपनी चलाणी कहीं
जैसी तू है वैसी रहना
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई
जग घूमेया थारे जैसा न कोई