[ Featuring Chandramallika Das ]
जरा जरा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तनबदन
मैं प्यासी हूँ, मुझे भर ले अपनी बाहों में
हो जरा जरा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तनबदन
मैं प्यासी हूँ, मुझे भर ले अपनी बाहों में
है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा
ये दूरी कहती है पास मेरे आजा रे
यूँहीं बरस बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जाए इस चाहत की बारिश में
तेरी खुली खुली लटों को सुलझाउ मैं अपनी उँगलियों से
मैं तो हूँ इस ख्वाईश में
सर्दी की रातों में हम सोये रहें एक चादर में
हम दोनो तनहा हो, ना कोई भी रहे इस घर में
हो जरा जरा बहकता है, महकता है, आज तो मेरा तनबदन
मैं प्यासी हूँ, मुझे भर ले अपनी बाहों में
है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा
ये दूरी कहती है पास मेरे आजा रे