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Rajkumar Rizvi - Nikal Aaye Idhar Janab Kahan Lyrics



Rajkumar Rizvi - Nikal Aaye Idhar Janab Kahan Lyrics
Official




निकल आए निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

मेरी आँखें किस के आँसू हैं
आँसू हैं
मेरी आँखें किस के आँसू हैं
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

सब खिले है किसी के आर्ज पर
सब खिले है किसी के आर्ज पर
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
छू सकेगी छू सकेगी
इन्हे शराब कहाँ
छू सकेगी इन्हे शराब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए निकल आए
निकल आए
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निकल आए निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

मेरी आँखें किस के आँसू हैं
आँसू हैं
मेरी आँखें किस के आँसू हैं
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
वरना इन पत्थरो में आब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

सब खिले है किसी के आर्ज पर
सब खिले है किसी के आर्ज पर
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
इस बरस बाग मे गुलाब कहा
निकल आए इधर जनाब कहाँ
निकल आए

मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
मेरे होठो पे तेरी खुश्बू हैं
छू सकेगी छू सकेगी
इन्हे शराब कहाँ
छू सकेगी इन्हे शराब कहाँ
निकल आए इधर जनाब कहाँ
रात के वक्त आफताब कहाँ
निकल आए निकल आए
निकल आए
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Writer: KAMALKANT, BASHIR BADAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Rajkumar Rizvi - Nikal Aaye Idhar Janab Kahan Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Rajkumar Rizvi
Length: 4:03
Written by: KAMALKANT, BASHIR BADAR
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