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Ravindra Jain - Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak Lyrics



Ravindra Jain - Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak Lyrics
Official




जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ

जय जय अविनासी सब घट बासी व्यापक परमानंदा
अविगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा
निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा

जयति सच्चिदानन्दा, जयति सच्चिदानन्दा

जयति सच्चिदानन्दा (जयति सच्चिदानन्दा)
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जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ

जय जय अविनासी सब घट बासी व्यापक परमानंदा
अविगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा
निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा

जयति सच्चिदानन्दा, जयति सच्चिदानन्दा

जयति सच्चिदानन्दा (जयति सच्चिदानन्दा)
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Writer: K. S. Chithra
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC




Ravindra Jain - Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak Video
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