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Ravindra Jain - Lata Oat Tab Sakhin [Baal Kaand] Lyrics



Ravindra Jain - Lata Oat Tab Sakhin [Baal Kaand] Lyrics




लता ओट तब सखिन्ह लखाए
लता ओट तब सखिन्ह लखाए
स्यामल-गौर किशोर सुहाए
स्यामल-गौर किशोर सुहाए

सुमिरि सिया नारद बचन
उपजी प्रीती पुनीत
चकित बिलोकति सकल दिसि
जनु सिसु मृगी सभीत

देखि रूप लोचन ललचाने
हरषे जनु निज निधि पहिचाने
हरषे जनु निज निधि पहिचाने

एक दूजे को निरखत
मन न अघाए
एक दूजे को देखत
मन न अघाए

राम-सिया मय
सिया-राम मय
राम-सिया मय
सिया-राम मय

एक ही रूप लखाए
एक दूजे को निरखत, मन न अघाए
एक दूजे को देखत, मन न अघाए

अधिक सनेहँ देह भै भोरी
सरद ससिहि जनु चितव चकोरी
सरद ससिहि जनु चितव चकोरी

लोचन मन रामहि उर आनी
दीन्हे पालक कपाट सयानी
दीन्हे पालक कपाट सयानी
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Romanized

लता ओट तब सखिन्ह लखाए
लता ओट तब सखिन्ह लखाए
स्यामल-गौर किशोर सुहाए
स्यामल-गौर किशोर सुहाए

सुमिरि सिया नारद बचन
उपजी प्रीती पुनीत
चकित बिलोकति सकल दिसि
जनु सिसु मृगी सभीत

देखि रूप लोचन ललचाने
हरषे जनु निज निधि पहिचाने
हरषे जनु निज निधि पहिचाने

एक दूजे को निरखत
मन न अघाए
एक दूजे को देखत
मन न अघाए

राम-सिया मय
सिया-राम मय
राम-सिया मय
सिया-राम मय

एक ही रूप लखाए
एक दूजे को निरखत, मन न अघाए
एक दूजे को देखत, मन न अघाए

अधिक सनेहँ देह भै भोरी
सरद ससिहि जनु चितव चकोरी
सरद ससिहि जनु चितव चकोरी

लोचन मन रामहि उर आनी
दीन्हे पालक कपाट सयानी
दीन्हे पालक कपाट सयानी
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Writer: Ravindra Jain
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC




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