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Sar Jhukha Kar Chala Munh Ki Khaa Kar Chala Video (MV)






Ravindra Jain - Sar Jhukha Kar Chala Munh Ki Khaa Kar Chala Lyrics
Official




सर झुका कर चला मुह की खा कर चला
हार की खीज से तिलमिलाया हुआ
हाथ मे टूटा दर्पण अहंकार का
अर्ध विक्षिप्त सा छटपटाया हुआ
आज रावण को भी इसका आभास है
राम के रूप मे काल आया हुआ
काल से कौन रक्षा करे जब स्वयं
काल को दे निमंत्रण बुलाया हुआ
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सर झुका कर चला मुह की खा कर चला
हार की खीज से तिलमिलाया हुआ
हाथ मे टूटा दर्पण अहंकार का
अर्ध विक्षिप्त सा छटपटाया हुआ
आज रावण को भी इसका आभास है
राम के रूप मे काल आया हुआ
काल से कौन रक्षा करे जब स्वयं
काल को दे निमंत्रण बुलाया हुआ
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Writer: K. J. Yesudas
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC


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