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Ravindra Jain - Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari Lyrics



Ravindra Jain - Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari Lyrics
Official




शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी

पगपग चलना भूमि पे सोना सयंम से विचलित नही होना
भिक्षा माँग के भोजन पाना
ब्रह्मचारिया के नियम निभाना
भारतिय बतुको की परंपरा है न्यारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
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शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी

पगपग चलना भूमि पे सोना सयंम से विचलित नही होना
भिक्षा माँग के भोजन पाना
ब्रह्मचारिया के नियम निभाना
भारतिय बतुको की परंपरा है न्यारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
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Writer: Mohanlal
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC




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