इन साँसों का देखो तुम पागलपन
के आए नहीं इन्हें चैन
मुझ से ये बोली, मैं राहों में तेरी
अपने बिछा दूँ ये नैन
इन ऊँचे पहाड़ों से जाँ दे दूँगा मैं
गर तुम ना आई कहीं
तुम उधर, जानम, उम्मीद मेरी जो तोड़ो
इधर ये जहाँ छोड़ूँ मैं
तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूँ
आजा रे, आजा रे, यूँ ही तड़पा ना तू मुझ को
जान रे, जान रे, इन साँसों में बस जा तू
चाँद रे, चाँद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू