एक टीका तेरी काजल का
जो लंबी उम्र की बनी दुआ
एक जन्नत है अल्लाह की
एक जन्नत तेरी गोद में है माँ !!
मेरे होठों पे अल्फ़ाज़ नहीं
जो तुझको मैं कर पाऊँ बयाँ
तेरी ममता के आगे ये
दुनिया है छोटी, छोटा ये जहाँ
माँ...
सर पे है, तेरी दुआ
मुझको क्या फ़िक्र, मुझको क्या फ़िक्र
सर पे है, तेरी दुआ
मुझको क्या फ़िक्र, मुझको क्या फ़िक्र
साया तेरा सूरज से
तुझ जैसा दूजा ना कोई
ये फ़ख्र मेरा, तेरा टुकड़ा हूँ
तू अल्लाह है, भगवान तू ही।
साया तेरा सूरज से
तुझ जैसा दूजा ना कोई
ये फ़ख्र मेरा, तेरा टुकड़ा हूँ
तू अल्लाह है, भगवान तू ही।
मेरी जान है तू
मेरा रब्ब मेरा मान है तू
तू सर्दी में किसी कंबल सी
गर्मी में मीठा शर्बत है तू
माँ...
सर पे है, तेरी दुआ
मुझको क्या फ़िक्र, मुझको क्या फ़िक्र
सर पे है, तेरी दुआ
मुझको क्या फ़िक्र, मुझको क्या फ़िक्र
मेरी माँ
प्यारी प्यारी माँ
मेरी माँ
मेरी माँ
मेरी माँ
प्यारी प्यारी माँ
मेरी माँ
मेरी माँ
एक घर में रहतें हैं हम
तू खुदमें एक पूरा घर है
मेरी माँ