आते जाते लोगो से
घबराई
साथ हवा के उड़ती
तितली आई
खिड़की पे खड़ी
मुस्कुराइ तितली आई
वो मुझसे कहना चाहती थी
के उसका कोई नहीं
बिल्कुल अकेली
फिर भी वो खुश थी
उड़ती रहती
रंगो के संग उड़ती रहती
फूल ही उसके दोस्त
जिनसे मिलती वो रोज़
सिर्फ़ सपने ही थे
उसके अपने
हो हो हो ऊ ओ ओ ओ
उसका कोई नहीं
बिल्कुल अकेली
फिर भी ही वो खुश थी
उड़ती रहती
रंगो के संग उड़ती रहती
ना ना ना ना ना ना (आ आ)