दिल ढूंढता है फिर वही
फुर्सत के रात दिन
दिल ढूंढता है फिर वही
फुर्सत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर
जाना किये हुए
दिल ढूंढता है फिर वही
फुर्सत के रात दिन
दिल ढूंढता है फिर वही
जाड़ों की नर्म धूप और
आँगन में लेट कर
जाड़ों की नर्म धूप और
आँगन में लेट कर
आँखों पे खींच कर तेरे
दामन के साये को
आँखों पे खींच कर तेरे
दामन के साये को
औंधे पड़े रहे कभी
करवट लिए हुए
दिल ढूंढता है
हो दिल ढूंढता है फिर वही
फुर्सत के रात दिन
दिल ढूंढता है फिर वही
बर्फीली सर्दियों में
किसी भी पहाड़ पर
बर्फीली सर्दियों में
किसी भी पहाड़ पर
वाड़ी में गूंजती हुई
खामोशियाँ सुने
वाड़ी में गूंजती हुई
खामोशियाँ सुने
आँखों में भीगे भीगे से
लम्हे लिए हुए
दिल ढूंढता
हो दिल ढूंढता है फिर वही
फुर्सत के रात दिन
दिल ढूंढता है फिर वही