तुझे सोचता हूँ मैं शाम ओ सुबह
इस्से ज्यादा तुझे और चाहू तो क्या
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा
इस्से ज्यादा तुझे और चाहू तो क्या
बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
तू मेरा ठिकाना मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी मेरे पास आना
है बाहों में रहना कभी अब न जाना
हु महफूज़ इन में बुरा है ज़माना
बस सारे गम के जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
हे हे हे हे हे हे हे