मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जबसे देखा, मैंने तुझको, मुझको
शायरी, आ गई
मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जबसे देखा, मैंने तुझको, मुझको
शायरी, आ गई
मै आशिक़ तो नहीं
मगर ऐ हसीं
जबसे देखा, मैंने तुझको, मुझको
आशिक़ी, आ गई
मैं शायर तो नहींमैं शायर तो नहीं
प्यासी प्यासी निगाहो से जीते हुए
मैने लोगो को देखा है पीते हुए
प्यासी प्यासी निगाहो से जीते हुए
मैने लोगो को देखा है पीते हुए
जब भी सावन मैं बदल बरसने लगा
ओर भी कुछ मेरा दिल तरसने लगा
मैं मैकश तो नही
मैं मैकश तो नही
मगर ऐ हंसीं
जब से देखा, मैं ने तुझको, मुझको
मैं मैकशी आ गयी
मैं शायर तो नहीं
क्या हुआ उठके महफ़िल से जाने लगी
होके मगरूर आँखे चुरा ने लगी
क्या हुआ उठके महफ़िल से जाने लगी
होके मगरूर आँखे चुरा ने लगी
तेरे दिल से ज़रा दिल्लगी मैं करू
थोड़ी सी अपनी तारीफ मैं भी करू
मैं दिलबर तो नही
मैं दिलबर तो नही
मगर ऐ हंसीं
जब से देखा, मैं ने तुझको, मुझको
दिलबरी आ गयी
मैं शायर तो नहीं
मगर ऐ हंसीं
जब से देखा, मैं ने तुझको, मुझको
शायरी, आ गई
मैं शायर तो नहीं