[ Featuring Nikhil Paul George ]
ज़िंदगी से ज़रा चलो करे गुफ्तगू
ज़िंदगी से ज़रा होंगे हा हम रूबरू
ज़िंदगी से ज़रा चलो करे गुफ्तगू
ज़िंदगी से ज़रा होंगे हा हम रूबरू
ज़िंदगी हसाएगी कभी ज़रा रुलाएगी
हार के जीत के चुटकुले सुनाएगी
ज़िंदगी से ज़रा चलो करे गुफ्तगू
ज़िंदगी से ज़रा होंगे हम रूबरू
ज़िंदगी से थोड़ा लड़ जाओ
बात दिल की उससे केह जाओ
उसके साथ यूँ ही बेह जाओ
लेके जाए वो जहाँ (लेके जाए वो जहाँ)
ज़िंदगी से यूँ ना शरमाओ
शररते करे तो मुस्काओ
उसके हर सितम को सेह जाओ
लेलो जीने का मज़ा
ज़िंदगी हसाएगी कभी कभी रुलाएगी
हार के जीत के चुटकुले सुनाएगी
ज़िंदगी से ज़रा चलो करे गुफ्तगू
ज़िंदगी से ज़रा होंगे हा हम रूबरू
ज़िंदगी कभी तो ख्वाबों के
किससे प्यार से सुनाएगी
कभी तो बिसुरी यादों की गज़ल सी गाएगी
ज़िंदगी कभी तो गुस्से में चीखेगी चिल्लाएगी
तुम जो लोरियाँ सूनाओगे सिमट के सो भी जाएगी
ज़िंदगी हसाएगी कभी कभी रुलाएगी
हार के जीत के चुटकुले सुनाएगी
ज़िंदगी से ज़रा चलो करे गुफ्तगू
ज़िंदगी से ज़रा होंगे हा हम रूबरू