तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
कब तक आखिर
कब तक आखिर
कब तक आखिर तेरे ग़म को रोये हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
वक्त का मरहम ज़ख्मों को भर देता है
वक्त का मरहम ज़ख्मों को भर देता है
शीशे को भी यह पत्थर कर देता है
रात में तुझ को पाये दिन में खोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
हर आहट पर लगता है तू आया है
हर आहट पर लगता है तू आया है
धुप है मेरे पीछे आगे साया है
धुप है मेरे पीछे आगे साया है
खुद अपनी ही
खुद अपनी ही लाश को कब तक ढोए हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
कब तक आखिर
कब तक आखिर
कब तक आखिर तेरे ग़म को रोये हम
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ