ये दर बदर चला हूँ मैं
इस भीड़ में खड़ा हूँ मैं
हूँ लापता खुद ही से अब तो
कर दे रिहा
तेरा हो के मैने इतने ज़ख़्म खाए हैं
तेरी यादों के सहारे था जी रहा
था जी रहा
ज़िंदगी ए मुझे पुकारे
एक आस मुझमे जगा है
खुद को फिर बंदिशों से
तोड़ के मैं चला
है संग तू हर कदम तो
अब हौसला हम ना हारें
तुझसे मुकम्मल जो मैं हो गया
खामोशियों ने इस कदर मुझे था तोड़ा
सताया मुझे यू की बिन तेरे ना जी सका एक पल भी
तेरे दर पर ढूँढने खुद को तुझमे मगर
तूने चल दिया था ढूँढने मुझे पर थे खफा क्यो हम
बेखौफ़ हो के मैने
कितने सपने देखे थे
तेरे संग अब हूँ मैं उनको जी रहा
जी रहा
ज़िंदगी ए मुझे पुकारे
एक आस मुझमे जगा है
खुद को फिर बंदिशों से
तोड़ के मैं चला
है संग तू हर कदम तो
अब हौसला हम ना हारें
तुझसे मुकम्मल जो मैं हो गया
ज़िंदगी ए मुझे पुकारे
एक आस मुझमे जगा है
खुद को फिर बंदिशों से
तोड़ के मैं चला
है संग तू हर कदम तो
अब हौसला हम ना हारें
तुझसे मुकम्मल जो मैं हो गया